अजय दायमा (मानवीय मूल्य शिक्षा विशेषज्ञ)
सामान्य परिवार में जन्मे हुए अति सामान्य विद्वत्ता के साथ इनकी बाल्यावस्था एवं युवावस्था रहा | मैकेनिकल इंजीनियर शिक्षा के बाद वर्तमान शिक्षा का अधूरापन पता चला | बाद में इन्हें नौकरियों के दौरान व्यापार तंत्र, शिक्षा तंत्र, शासन तंत्र, एवं धर्म तंत्र में अंतर विरोध व अधूरापन ज्ञात हुआ।
मानव की संपूर्ण जिंदगी सह अस्तित्व पूर्वक जीने की एक व्यवस्था का एवं उसकी शिक्षा का करीब 30 वर्ष के अध्ययन उपरांत पूर्ण शिक्षा एवं व्यवस्था के विकल्प के लिए काम कर रहे है ।
But
Every Child wants to serve Humanity for a better world
Every child wants to be a responsible & responsibility comes by contributing to bigger Order
Every child wants to complement in co-existence which when guided results in a wise utilisation of oneself